SHIV CHALISA LYRICS IN GUJARATI PDF - AN OVERVIEW

shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

Blog Article

अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

shrishivchalisa.com participates in the Amazon Associates Associates Application, an affiliate promoting program created to offer a means for internet sites to receive commissions by linking to Amazon.

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

अर्थ- आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

Your browser isn’t supported any longer. Update it to get the very best YouTube expertise and our latest options. Learn more

अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।

अर्थ: हे अनंत एवं shiv chalisa lyrics in hindi text नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

हनुमान चालीसा लिरिक्स

पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

Report this page